Monday, March 9, 2009

ठहाका 3

पागलखाने में डाॅक्टर मुआयने पर निकला था। एक पागल कुछ लिख रहा था। डाॅक्टर ने पूछा क्या लिख रहे हो। पागल बोला अपने को होली का बधाई संदेष लिख रहा हूं। पर इसमें लिखा क्या है। पागल ने कहा अभी तक यह संदेष मुझे नहीं मिला है।

ठहाका-2

बच्चे ने मास्टरजी से पूछा मास्टरजी होली क्यो मनाई जाती है। मास्टरजी ने बच्चे को डांटते हुए कहा कि तुम्हे इतनी सी बात नहीं पता यह तो कोई भी बेवकूफ बता देगा। बच्चे ने कहा कि तभी तो आपसे पूछ रहा हूं।

ठहाका-1

होली पर सिपाही एक व्यक्ति को पकडकर थाने ले आया। थानेदार ने कहा जी यह पीए हुए है। आदमी ने कहा मैने नहीं पी है। थानेदार ने पूछा तुम्हे केसे पता चला कि आदमी ने पी हुई है। सिपाही ने कहा यह एक आदमी से बिना बात बहस कर रहा था। आदमी ने कहा कि साहब वहां न तो कोई ट्रक था और न कोई ड्राइवर

थानों में पिलाएंगे भांग

इस होली पर पुलिस आपकों नए रंग में नजर आएगी सडक पर यातायात निमयों का पालन करते मिले तो सीधे थाने ले जाएगी। वहां घुट रही होगी भांग और ठण्डाई, आपकों यह छक कर पिलाई जाएगी। कोई फरियादी पहुंचा थाने तो उसे विषेष पैकेज मिलेगा। भांग और ठण्डाई के साथ भोजन भी कराया जाएगा।

रंग रसिया रे

खटिया जी खुद खडी हुई अमरिका की यार
परमाणु हथियार पर है मंदी की मार
वसुंधरा जी कह रही, माथुर जी के संग,
खाकी नेकर ने किया अबकी फिका रंग
स्ीपी जोषी रह गए खडे देखते दंग
कंग्रेस पर चढ गया फिर गहलोत का रंग

होली के मजेदार समाचार

नमस्कार मैं निर्णय नमन त्रिवेदी आपके लिए लेकर आया हूं होली के प्यार भरे समाचार। अब आप कान पकड कर उठक बैठक लगाते हुए समाचार सुनने का प्रयास किजिए। समझ में आ जाए तो हमारे मेल एड्रेस पर जरूर मेल भेजिए। कृपया अपने शरीर का मेल नहीं भेजे। तो लिजिए आज के बासी समाचार

अभी-अभी चार वर्ष पूर्व हमारे संवाददाता ने स्पीड पोस्ट से भेजा समाचार प्राप्त हुआ है जिसके तहत इस बार सोनिया गांधी होली पर लालकृष्ण आडवानी से हाथ मिलाते हुए रंग खेलेगी। पार्टी सूत्रों ने बताया कि सोनिया गांधी को मरीयल और सदा बीमार रहने वाला प्रधानमंत्री पसंद नहीं आ रहा है। वहीं लालकृष्ण आडवानी निरंतर उनके उपर कटाक्ष करते रहने के कारण इस बार सोनिया ने आडवानी के साथ होली खेलने का मानस बनाया है। सोनिया गांधी की निकटतम परिचित डा. गिरिजा व्यास ने बताया कि होली खेलते समय सोनिया गांधी आडवानी का भाजपाई रंग पूरी तरह से उतार देगी और उसके बदले में आडवानी का कांग्रेसीकरण कर देगी। इधर भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष भी इसी जुगत में है कि किसी तरह विदेष मंत्री प्रणव मुखर्जी के साथ होली खेल कर विदेषी वीजा और पासपोर्ट हासिल कर लेवे ताकि भारत की राजनीति से तौबा कर सके।

अभी-अभी ब्रेकिंग न्यूज मिली है कि
मुम्बई हमले का एक मात्र जिंदा पकडा गया आतंकवादी कसाब जेल की सुरक्षा दीवार को तोडते हुए फरार हो गया। सुरक्षाकर्मियों ने बताया कि कसाब ने भागने से पहले जेल के बाहर नाना पाटेकर की किराणा स्टोर से बडी संख्या में पिचकारी और गुब्बारे तथा कादरखान की मिठाइयों की दुकान से ढेर सारी गुझिया और मिठाइयां लूट ली। हालांकि पाटेकर व कादरखान ने कसाब को आर्थर रोड जेल की कसम दी लेकिन कसाब ने यह सब दरकिनार करते हुए लूटने का काम जारी रखा। इधर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आमजन से अपील की है कि कसाब जहां कही भी दिखाई देवे उसे भांग के पकोडे खिला कर रंग से सराबोर करते हुए सुरक्षाकर्मियों को सौंप देवे। वहीं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने इलेक्ट्रोनिक मीडिया से कसाब के जिंदा होने की तस्वीर निकालने की गुहार लगाई है। प्रत्यक्षदर्षियों ने बताया कि कसाब ने पिचकारी लूटने के बाद रेल मं़त्री लालू प्रसाद से मिलने की बात कही जिस पर भी गंभीरता से लिया जा रहा है।

अब खेल समाचार
न्यूजीलैण्ड दौरे पर चल रही भारत की टीम ने तीसरे वन डे में भले ही न्यूजीलेण्ड के सामने रनो का पहाड खडा कर दिया लेकिन भारतीय होली खेल मंत्री ने वीरेन्द्र सहवाग और श्री संत को भारतीय टीम से निकलाने का फैसला कर लिया है। होली खेल मंत्री ने हमारे संवाददाता को बताया कि होली पर खेलने के लिए पूर्व में नियम निर्धारित किया था कि पिचकारी व गुब्बारे से ही होली खेली जाएगी उसके बावजूद वीरेन्द्र सहवाग ने बेट और श्रीसंत ने बाॅल से खेला। दोनों को भारतीय संस्कृति का जरा भी मान नहीं रखना आता है। होली खेल मंत्री ने कहा कि दोनों को आगामी पांच वन डे तक भारतीय टीम में शामिल नहीं किया जाएगा। होली खेल मंत्री ने इन दोनों के अलावा धोनी, तेडुलकर, युवराज सहित अन्य खिलाडियों पर 50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। मंत्री के अनुसार नियमो के अनुसार फिल्डिंग के वक्त उन्हें कीचड से लतपथ होना था लेकिन एक भी खिलाडी कीचड तो क्या मिट्टी से लथपथ नहीं हुआ।

अमेरीकी राष्ट्रपति ने भारत में होली के त्यौहार के मद्देनजर उपाधियों की घोषणा की है। हमारे संवाददाता को इंटरनेट पर लीक हुई उपाधियों की कापी मिल गई है जिसके तहत
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सोनिया गांधी की जय हो
अटल बिहारी वाजपेयी बूढी घोडी लाल लगाम
लालू प्रसाद यादव भारत का बोडा फोन
प्रणव मुखर्जी दस का दम
मुलायम सिंह आ बैल मुझे मार


इसी के साथ हमारे होली के समाचार समाप्त हुए। आप भी लम्बी तान कर सो जाइये
इन समाचारों को बुरा न मानो होली की तर्ज पर पढा जाए। लेखक किसी से कोई दुर्भावनावश या मानहानिवश नहीं खिला है।

Saturday, March 7, 2009

जहरीले रंगों सावधान करने के टिप्स

नेचुरल व हर्बल रंगों के अलावा केवल प्रतिष्ठित कंपनियों द्वारा तैयार किए गए रंगों का ही उपयोग करें।
होली खेलने से पहले बालों में तेल लगा लें। हो सके, तो टोपी पहनकर बालों को सुरक्षित रखें।
ऐसे परिधान पहनें, जिससे आपके शरीर का अधिकांश हिस्सा ढका रहे।
त्वचा के ऊपर वैसलीन, तेल या उत्तम किस्म की क्रीम लगा लें।
आमतौर पर लाल व गुलाबी रंगों का ही इस्तेमाल करें, जो अच्छे भी लगते हैं और जिन्हें उतारना आसान होता है।
नाखूनों की सुरक्षा के लिए उस पर पॉलिश की कोटिंग कर सकते हैं।
अगर रंगों के इस्तेमाल के बाद त्वचा में खुजलाहट या जलन महसूस हो, तो उसे फौरन धो लें।
माइनर रैश की स्थिति में कैलामाइन लोशन का उपयोग कर सकते हैं।
इरिटेशन की स्थिति में धूप से बचें, क्योंकि इससे खुजलाहट और बढ सकती है।
सबसे महत्वपूर्ण बात यह कि होली खेलने के बाद अपनी त्वचा और बालों से रंगों को अच्छी तरह उतारना न भूलें।
साबुन लगा कर अपनी त्वचा को जरूरत से ज्यादा रगडने की कोशिश मत करें। चेहरे पर से गुलाल को हटाने में क्लींजर, कोल्ड क्रीम व मॉयश्चर का उपयोग कर सकते हैं।
रंगों को उतारने में किरोसीन तेल, पेट्रोल व स्पिरिट आदि का उपयोग न करें।

भीगने का दिल करता रंगों की बरसात में

भीगने का दिल करता रंगों की बरसात में
रंगों की बरसात में भीगने का दिल करता है। फिजाओं में हर तरफ मस्ती छाई है। आखिर होली का त्यौहार है ही ऐसा कि क्या छोटे और क्या बडे - सभी जमकर लुत्फ उठाते हैं। किसी ने स्पाइडरमैन पिचकारी खरीदी है, तो कोई रंग-बिरंगे गुलाल से होली खेलने का मूड बनाए हुए है। किसी के पास मेटल की पिचकारी है, तो कोई कैमरे की शक्ल वाली पिचकारी से रंगों को क्लिक करने की तैयारी में है। किसी को हल्के रंग भाते हैं, तो किसी को गहरे। किसी ने होली में धूम मचाने के लिए अपनी टोली तैयार कर ली है, तो कोई धमाल मचाने की प्लानिंग को फाइनल टच देने में जुटा है।
वैसे, इस बार आप किस तरह होली मनाना चाहेंगे? बस एक दिन बाकी रह गया है और इंतजार की घडी जैसे ही खत्म होगी, फिर तो सभी मस्ती में डूब जाएंगे। लाल, पीले, हरे, गुलाबी - हर तरह के रंगों से सभी जमकर होली खेलेंगे। और हां, जब रंगों से जी भर जाएगा, गुलालों का भी दौर खत्म हो जाएगा, लजीज व्यंजनों के स्वाद को चखते-चखते पेट क्लीन बोल्ड हो जाएगा, तब बारी आएगी इम्प्रेसिव ड्रेस पहनकर दिखाने की। लेकिन एक बात, जो हम सबके लिए जरूरी है, वह यह कि होली में स्वास्थ्य की सुरक्षा में कोई लापरवाही नहीं होनी चाहिए।
दरअसल, प्राकृतिक रंगों से होली खेलने की परंपरा रही है, मगर जैसे-जैसे आधुनिक विकास होते जा रहे हैं, रंगों में तरह-तरह के केमिकल्स मिलाने का प्रचलन बढते जा रहा है। इस मौसम में उपलब्ध फूलों से तैयार किए गए नेचुरल रंग जहां एक ओर त्वचा को ताजगी से भर देते हैं, वहीं दूसरी ओर सिंथेटिक रंगों के उपयोग से शरीर को नुकसान पहुंचता है। इसलिए होली के त्यौहार में इस बात का जरूर खयाल रखें कि कहीं आप जहरीले रंगों का प्रयोग तो नहीं कर रहे हैं, क्योंकि इससे कई प्रकार की समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। चूंकि इन रंगों में ऑक्सिडाइज्ड मेटल्स व इंडस्ट्रियल डाइज होते हैं, इसलिए ये शरीर के लिए
नुकसानदेह होते हैं।
जहरीले रंगों के उपयोग से डिस्कलरेशन, कॉन्टैक्ट डर्मेटाइटिस, एब्रेसन, इरिटेशन, इचिंग व ड्राइनेस जैसी त्वचा की समस्या हो जाती है।
होली खत्म होने के बाद कुछ लोगों को त्वचा में खुजलाहट की शिकायत होती है। दरअसल, घटिया किस्म के रंगों में मौजूद हानिकारक केमिकल्स के चलते ऐसे लोगों की त्वचा में खुजलाहट की शिकायत होने लगती है, जो कि एग्जीमा का रूप भी ले लेता है। चूंकि त्वचा की बाहरी परत को ये रंग आसानी से भेद देते हैं, इसलिए ड्राई स्किन की समस्या भी आम हो जाती है।
रंगों में विभिन्न प्रकार के रासायनिक पदार्थ, जैसे - ऑक्साइड, मेटल्स, शीशे के कण, अभ्रक के पाउडर और यहां तक कि एनीलिन जैसे तत्व भी मौजूद होते हैं। रंगों में पाए जाने वाले ये जहरीले पदार्थ नाखून, मुंह, आंख व कान के रास्ते शरीर के अंदर प्रवेश कर जाते हैं। लाल रंगों में मौजूद मरक्युरिक सल्फाइट त्वचा के लिए काफी हानिकारक होता है। जहां तक गुलाल की बात है, तो इसमें दो प्रकार के पदार्थ पाए जाते हैं - एक कलरेंट ,जो कि जहरीला होता है और दूसरा बेस, जिसमें एस्बेटस या सिलिका हो सकता है, जो कि शरीर के लिए नुकसानदायक होते हैं।
अब आपके मन में यह सवाल जरूर उठ रहा होगा कि क्या होली बिना रंगों के खेली जाए? ऐसा नहीं है। ये सब बातें आपको सावधान करने के लिए हैं। चूंकि होली के रंगों से आपकी त्वचा रूखी हो जाती है, इसलिए आप कुछ नुसखे आजमा सकते हैं। अपने नाखूनों, तलुवों, कोहनियों और शरीर के उन तमाम हिस्सों पर जहां रंगों के असर होंगे, वैसलीन लगा लेना चाहिए। होली मनाने के बाद रंगों को उतारने में देरी न करें। अपनी त्वचा को फिर से तरोताजा करने के लिए आप सोयाबीन के आटे या बेसन में दूध मिलाकर पेस्ट तैयार करें और त्वचा के ऊपर लगा लें।
त्वचा के अलावा बालों पर भी ध्यान देना जरूरी है, जो कि रंगों के प्रभाव में बिल्कुल ड्राई हो जाते हैं। ध्यान रखें कि बहुत देर तक बालों में रंग व गुलाल लगा हुआ न छोडें। इसके अलावा, खास ध्यान रखें कि आंखों के अंदर रंग या गुलाल प्रवेश न कर सके।
हैप्पी होली! (JAGRAN)